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Tuesday, 29 May 2018

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गर्मियों में दिनभर फ्रेश रखेंगा आपको इत्र का ये फ्रूटी अंदाज, ट्राई करके देखिए

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गर्मियों में दिनभर फ्रेश रखेंगा आपको इत्र का ये फ्रूटी अंदाज, ट्राई करके देखिए

beauty_1525061203अगर आप गर्मी के लिए एक अच्छी खुशबू की तलाश में हैं, तो आपके लिए फूलों की खुशबू वाले या विभिन्न फलों से तैयार परफ्यूम अच्छे रहेंगे। फूलों की खुशबू वाले ये परफ्यूम आपको खुशनुमा माहौल और ताजगी का अहसास कराएंगे। इन दिनों गुलाब, केवड़ा, कमल, खस और चंदन इत्र की खुशबू और शीतलता तन-मन को शीतल कर देती है।
चांदनी चौक में 200 वर्ष पुरानी गुलाब सिंह जौहरीमल इत्र की दुकान के मालिक नवीन गांधी कहते हैं कि ठंडई देने वाले इत्रों में खस, चंदन, केवड़ा, बारिश की सोंधी मिट्टी की खुशबू, फूलों की खुशबू वाले इत्र और फलों से तैयार इत्र प्रमुख हैं। इसके अलावा रूह-ए-पुदीना और रूह-ए-इलायची की खुशबू गर्मी में सबसे ज्यादा ठंडक का अहसास कराते हैं, इसलिए इनकी मांग इन दिनों ज्यादा रहती है। 

गुलाब के इत्र से शायद दुनिया की हर संस्कृति वाकिफ है। गुलाब बहुत ही गुणकारी फूल है, लेकिन केवल देसी गुलाब, जो सिर्फ गुलाबी और लाल रंग का होता है और जो बहुत ही खुशबूदार होता है। गुलाब का इत्र लगाने से शरीर को ठंडक का एहसास होता है। गुलाब का इत्र मन को प्रसन्नता भी देता है। 
अब बात करते हैं रूह-ए-खस की। लोगों को गर्मियों से राहत दिलाने के लिए एक खास तरह का इत्र है। यह इत्र नदी-नालों और तराई वाले क्षेत्रों में मिलने वाली जंगली घास से तैयार किया जाता है। इस इत्र का इस्तेमाल अरोमाथेरेपी में भी किया जाता है। खस की खुशबू से रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है, तंत्रिका तंत्र शांत होता है। इसके साथ ही रूह-ए-पुदीना और रूह-ए-इलायची गर्मियों में ठंडक प्रदान करते हैं। फूलों की खुशबू वाले पारंपरिक इत्रों को गुलाब, कदम, मौलश्री, हरशृंगार, गार्डेनिया, गुलनार, नारंगी के फूल और चमेली आदि के फूलों से तैयार किया जाता है। फूलों की खुशबू वाले ये परफ्यूम तन-मन को पूरी तरह से आराम देते हैं।
फूलों वाले इत्र के मुकाबले फलों से तैयार इत्र की खुशबू हल्की और भीनी होती है। रोजमेरी, लेवेंडर, क्यूमिन (जीरा), कपूर और अन्य वनस्पतियों से तैयार सुगंधित इत्र आपको अनोखी ताजगी और खुशबू का अहसास देते हैं। ये इत्र आपको ताजेपन और हल्केपन का अहसास कराते हैं, इसलिए गर्मियों के लिए ये परफेक्ट हैं।

गीली मिट्टी की सोंधी खुशबू
गीली मिट्टी की खुशबू। शायद ही कोई हो, जिसे यह खुशबू पसंद न आए। अब यह इत्र के रूप में भी आपके लिए उपलब्ध है। इसमें से मिट्टी की सौंधी खुशबू आती है। नवीन गांधी बताते हैं कि ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल गर्मियों में करते हैं, क्योंकि इसे लगाने से लोगों को गर्मी से राहत मिलती है। गीली मिट्टी से इत्र बनाने का तरीका भी निराला है। मिट्टी के पुराने बर्तनों को तोड़कर उन्हें तांबे की बड़ी हांडियों में डालकर उसमें पानी डाला जाता है। फिर इस पानी को उबालकर इससे निकलने वाली भाप को चंदन के तेल से गुजारकर इस इत्र को बनाया जाता है। इस इत्र को लगाते ही आपको अहसास होगा कि मानसून करीब है। खासतौर से गर्मियों में इस इत्र की मांग बहुत बढ़ जाती है।
अपने लिए चुनें सही खुशबू
वुडी इत्र हल्की और भीनी खुशबू वाले होते हैं, सिट्रस फलों के सत्व से युक्त वुडी इत्र गर्मियों में पुरुषों के लिए उपयुक्त साबित हो सकते हैं। खस, नींबू, संतरा, नारंगी, चकोतरा, लेमन ग्रास और पुदीना आदि से तैयार परंपरागत इत्र भी आपको ताजगी का अहसास कराते हैं और गर्मियों के दिनों में इसकी महक के साथ आप बेहतर अनुभव कर सकते हैं। महिलाएं अपने लिए फूलों की खुशबू वाले या विभिन्न फलों से तैयार इत्र चुन सकती हैं। फूलों की खुशबू वाले इत्र आपको ताजगी का अहसास कराते हैं, क्योंकि इसमें स्वच्छ और ताजगी भरी महक होती है। फलों से तैयार इत्र गर्मियों में लगाने के लिए सबसे उपयुक्त माने जाते हैं। फूलों वाले इत्र के मुकाबले इनकी खुशबू हल्की और भीनी होती है, जो उमस भरे मौसम में आपके लिए बेहतर है। सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली खुशबूओं में से एक है मोगरा। इसकी खुशबू मीठी-सी होती है, जिसमें ताजगी का मिश्रण होता है।
डियोड्रेंट, परफ्यूम और इत्र में फर्क
डियो और परफ्यूम के अल्काहोल और फ्रेगरेंस ऑयल के प्रतिशत में अंतर होता है। परफ्यूम ज्यादा स्ट्रॉन्ग होते हैं, जबकि डियो में एंटी-बैक्टीरियल एसेंस होता है, जो त्वचा पर बैक्टीरिया को पनपने से रोकता है। डियो एक तरह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट होते हैं, जिन्हें अंडर आर्म्स पर लगाया जाता है, जो शरीर की दुर्गंध और पसीने को कम करते हैं। डियो की खुशबू कुछ समय तक रहती है, जबकि परफ्यूम की खुशबू लंबे समय तक।
इत्र से भी खुशबू मिलती है, पर ये फूलों आैर जड़ी-बूटियों आदि के बेस ऑयल जैसे सैंडलवुड में मिलाकर तैयार किए जाते हैं। ये नेचुरल परफ्यूम होते हैं, जिन्हें रोज लगाया जा सकता है।

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